सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने बताया है कि कोरोना केस लगातार बढ़ रहे हैं और जल्द ही बड़ी संख्या में टेंपररी हॉस्पिटल बनाने होंगे ताकि कोविड-19 मरीजों का इलाज किया जा सके। अभी देश भर में 2 लाख से ज्यादा कोविड-19 मरीज हैं।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के उस फैसले पर सवाल उठाया गया जिसमें कोरोना महामारी से लड़ाई के लिए अग्रिम मोर्चे पर तैनात डॉक्टरों के 14 दिन के क्वारंटीन की अनिवार्यता को खत्म किया गया है। इस मामले में एक डॉक्टर की ओर से दाखिल हलफनामे पर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया गया था। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि आखिरकार डॉक्टरों की ही जिम्मेदारी है कि वो खुद को कोविड से प्रॉटेक्ट करें।
केंद्र सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जिससे ये पता चलता हो कि पीपीई किट पहनने वाले डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को कोरोना का संक्रमण हो रहा हो। याचिकाकर्ता ने सिर्फ अनुमान लगाया है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में डॉक्टर की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि कोविड से लड़ने वाले डॉक्टरों के लिए अस्पताल के पास रहने की सुविधा होनी चाहिए अन्यथा कोरोना वॉरियर ही लड़ाई हार जाएंगे।