चक्रवात निसर्ग ने 72 घंटों के इंतजार के बाद महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के श्रीवर्धन-दिवे आगार में एक प्रचंड दस्तक दी, जिसके साथ ही महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में अफरातफरी मच गई।
रत्नागिरी की कलेक्टर निधि चौधरी ने एक बयान में कहा, तूफान की आंख (केंद्र बिंदु) लगभग 60 किमी दूर है। इसने रायगढ़ जिले में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दस्तक दी है। अब यह उरण की ओर आगे बढ़ रहा है।
उरण, रायगढ़ के उत्तरी हिस्से में है, जो दक्षिण-मध्य मुंबई से मुश्किल से दो किलोमीटर की दूरी पर है। यहां गगनचुंबी इमारतों के साथ ही झुग्गियां भी हैं और यह इलाका चक्रवात के कारण जोखिम की स्थिति में है।
चक्रवात के दस्तक देने से कई घंटों पहले ही निसर्ग के बुधवार सुबह से 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की हवा के साथ आने की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही पालघर, ठाणे, मुंबई, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के पूरे तटीय इलाके में भारी बारिश की भी घोषणा की गई थी।
तेज तूफान की वजह से जगह-जगह पेड़ उखड़ गए और पूरे कोंकण क्षेत्र में लोगों के घरों की छतें भी हवा में उड़ती नजर आईं। वहीं मुंबई और ठाणे में गिरे पेड़ों के नीचे कई वाहन दब गए।
दक्षिण मुंबई के कोलाबा, चर्चगेट और ठाणे में बड़े और छोटे पेड़ जड़ से उखड़ गए। इसके अलावा शहर के पश्चिमी तट पर गेटवे ऑफ इंडिया, भाऊचा धक्का और गिरगांव चौपाटी, दादर, जुहू, वर्सोवा, मड, मार्वे, गोराई जैसे लोकप्रिय समुद्र तटों पर ऊंची लहरों ने तबाही मचाई।
तेज उठती लहरों और तूफान के बीच रत्नागिरि में मिर्या बीच पर एक मध्यम आकार का समुद्री जहाज फंस गया। हालांकि गनीमत रही कि यहां किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।