कोरोना महामारी संकटकाल सैलून चलाने वाले सविता सलमानी समाज व ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महिलाओं के लिए अभिशाप साबित हो रहा है। गत मार्च से इनका व्यवसाय पूरी तरह से ठप है। सबसे बड़ी बात यह है कि उनके व्यवसाय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किसी भी हालातों में नहीं किया जा सकता। ऐसे ही कुछ हालात ब्यूटी पार्लर के भी हैं इनमें भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा सकता।
इन्हीं कारणों से इनके व्यवसाय का शुभारंभ तब तक नहीं हो सकता। जब तक कोरोना महामारी से पूरा देश मुक्त नहीं हो जाता, तब तक इनकी रोजी-रोटी का साधन भी नहीं मुहैय्या हो सकेगा। ऐसे संकट काल में इस धंधे से जुड़े लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहराता जा रहा है। देश व प्रदेश की सरकार का ध्यान भी इस तरफ नही है। ऐसे में सैलून चलाने वाले सविता व सलमानी समाज और ब्यूटी पार्लर से जुड़े लोगों का कैसे भला होगा? इनकी रोटी का जुगाड़ कहां से हो एक बहुत बड़ा सवाल है। संक्रमण काल में कौन इनके यहां आकर छौरकर्म कौन करवाएगा और अगर करते भी हैं तो इनको कोरोना संक्रमण से कैसे बचाया जा सकता है सबसे बड़ा सवाल है।
ब्यूटी पार्लर व सैलून चलाने वाले सविता / सलमानी के लोगों का कहना है कि सरकार देश के सभी व्यवसाय के लिए चिंतित हैं कि उनके बारे में कोई भी चिंतन नहीं कर रहा है। इनको भुखमरी से कौन बचाएगा। वर्तमान में हालात ऐसे हैं कि आने वाले समय में कोरोना संक्रमण जल्दी खत्म होता नहीं दिख रहा है। सैलून चलाने वाले सविता सलमानी समाज के लिए यह समय अत्यंत ही गंभीर है अगर सरकार का ध्यान उनकी तरफ नहीं गया तो देश की एक बड़ी संख्या में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को बदहाल होने से नहीं बचाया जा सकेगा।
सैलून चलाने वाले सविता सलमानी के लोग, ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महिलाओं की रोजी रोटी में लगे ग्रहण पर अगर सरकार व स्वयंसेवी संस्थाओं ने ध्यान नहीं दिया तो देश के इस व्यवसाय से जुडे़ करोडों लोगों को बर्बादी से कोई नहीं बचा सकेगा।