कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर प्रवासियों की दुर्दशा की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि वह देश के प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को अगले छह महीने तक 7 हजार 500 रुपये प्रदान करे। सोनिया गांधी ने गरीब, प्रवासी, छोटे व्यापारियों व मध्य वर्ग की आवाज को केंद्र तक पहुंचाने के कांग्रेस के अभियान 'आवाज उठाओ' के तहत कहा, "पिछले दो महीने से पूरा देश कोरोना महामारी की चुनौती और लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है।"
उन्होंने कहा, "देश की आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा, जिसमें लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे, बगैर दवाई और साधन के सैकड़ों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर घर वापस जाने को मजबूर हो गए। उनके दर्द को देश में हर किसी ने सुना, पर शायद सरकार ने नहीं।"
उन्होंने कहा कि करोड़ों नौकरियां चली गईं, कई कारखाने बंद हो गए, किसानों को फसल बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन सरकार इसका आकलन नहीं कर पाई।
रायबरेली से लोकसभा सांसद कांग्रेस नेता ने कहा, "पहले दिन से ही, मेरे सभी कांग्रेस के साथियों, अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों और समाज के अग्रणी हर व्यक्ति ने बार-बार सरकार को यह कहा कि ये वक्त आगे बढ़ कर घाव पर मरहम लगाने का है। लेकिन न जाने क्यों केंद्र सरकार यह बात समझने और लोगों की मदद करने को तैयार नहीं है।"