आज 135 करोड़ देश वासियों सहित मेरे लिए यह बेहद सम्मान और गौरव के पल हैं जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मुझे सर्वसम्मति से कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष चुना। मेरे प्रति आप सभी के विश्वास और भरोसे के लिए भी मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं, भारत और सभी देशवासी भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि यह सम्मान हम सबको मिला है।
बोर्ड की 147वीं बैठक को संबोधित करते हुए मैंने कहा कि मौजूदा कोविड 19 संकट में वैश्विक संसाधनों के बेहतर समन्वय से मृतकों की संख्या घटाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन अधिक प्रभावी काम कर सके इसके लिए लिए मैं सभी सदस्यों के साथ मिलकर काम करूंगा।
इससे पहले मैंने WHO के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ हिरोकी नाकातानी जी से पदभार संभाला और उन्हें संगठन की उत्कृष्टता बढ़ाने के लिए दिल से आभार व्यक्त किया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुए इस बैठक में जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के वरिष्ठ अधिकारी जिनेवा से शरीक हुए। वहीं अन्य देशों के नेता और तकनीकी जानकार भी अपने अपने देशों से शामिल हुए।
चुनाव के बाद कार्यकारी बोर्ड को संबोधित करते हुए मैंने कोरोना महामारी के दौरान प्रभावी उपायों के लिए वैश्विक प्रयासों और सहयोग पर जोर दिया। मैंने कहा कि सभी सदस्य देशों और साझा हित रखने वाले पक्षों के बीच निरंतर तालमेल से ही स्वास्थ्य सुधारों को मजबूत किया जा सकेगा। वहीं सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी है कि संसाधनों का अधिक उत्पादक, कुशल और लक्षित उपयोग किया जाना चाहिए।
मैंने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया में मौजूदा स्वास्थ्य प्रणालियों की कमजोरियां उजागर करने के साथ ही दिखा दिया है कि स्वास्थ्य तैयारियों की अनदेखी के परिणाम कितने गंभीर हो सकते हैं। लिहाजा वैश्विक संकट के ऐसे समय में, जोखिम प्रबंधन और उन्मूलन दोनों पर ध्यान देने की जरूरत है। वैश्विक स्तर पर लोक स्वास्थ्य पर ध्यान देने और अधिक निवेश के लिए साझेदारी को अधिक मजबूत बनाना होगा।
बैठक में दिए अपने पहले अध्यक्षीय भाषण को खत्म करने से पहले मैंने दुनियाभर में कोरोनावारियर्स और उनके परिजनों के लिए स्टैंडिंग ओवेशन दिया। वहीं जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन निदेशक डॉ टेडरॉस और उनकी टीम भी खड़ी होकर तालियां बजाती रही।
WHO का कार्यकारी बोर्ड 34 तकनीकी रूप से योग्य सदस्यों से बना होता है। बोर्ड का मुख्य काम विश्व स्वास्थ्य सभा के निर्णयों और नीतियों को लागू करना है। साथ ही बोर्ड विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी दिशा निर्देशन करता है।
मैंने कहा कि WHO इस सिद्धांत में विश्वास करता है कि स्वास्थ्य के उच्चतम मानक का लाभ जाति, धर्म, राजनीतिक विश्वास, आर्थिक या सामाजिक स्थिति के भेद के बिना हर मनुष्य के मौलिक अधिकारों में से एक है। इसलिए हम सदस्य देशों के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य दायित्वों के कुशल, प्रभावी और उत्तरदायी निर्वहन के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह मौलिक विश्वास हमारे मार्गदर्शक सिद्धांत होंगे।
इस दौरान मैंने मीडिया से कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में हम सभी मिलजुलकर WHO के माध्यम से दुनिया के लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में नए आयाम हासिल करेंगे।