कोरोना वायरस (Coronavirus) का ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) अति संक्रामक है और इसने कम समय में तेजी से दुनियाभर में करोड़ों लोगों को संक्रमित कर दिया।
99 से ज्यादा देशों ने कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामलों की सूचना दी है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिंता के एक प्रकार के रूप में नामित किया गया है।
हालांकि अल्फा, बीटा, डेल्टा, और ओमिक्रॉन वेरिएंट की इंवॉरमेंटल स्टेबिलिटी के जवाब में इथेनॉल रेजिस्टेनश में मामूली वृद्धि देखने को मिली ह। इसलिए WHO ने इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता के उपायों पर अधिक जोर देने को कहा है।
'वास्तविकता यह है कि ओमिक्रॉन शायद ज्यादातर देशों में है, भले ही इसका अभी तक पता नहीं चला है। ओमिक्रॉन उस गति से फैल रहा है, जो हमने किसी पिछले वेरिएंट के साथ नहीं देखा है। हमें चिंता है कि लोग ओमिक्रॉन को हल्का बताकर खारिज कर रहे हैं।
वैक्सीन और संक्रामक रोग विशेषज्ञ Dr Shaveta Kotwal का कहना है कि टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों का सुरक्षा कवच मजबूत होता है। मास्क अनिवार्य रूप से पहनना होगा क्योंकि ये वायरस को हमारे भीतर पहुंचने से रोकता है। हां जिन लोगों को अभी टीका नहीं लगा है उन्हें खतरा अधिक है। ऐसे में टीका लगवाएं और नियमों का पालन करें, संभव हो तो घर से बाहर न निकलें।
बताया गया कि हार्ट संबंधी बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों को इस ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है। इसके साथ ही विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर इम्यूनिटी या बुजुर्ग लोगों को इससे अधिक सावधान रहने की जरूरत है। ऐसे लोगों के लिए ओमिक्रॉन घातक साबित हो सकता है।
Dr Kotwal का कहना है कि स्वस्थ्य इंसान और कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को ओमिक्रॉन से संक्रमित होने का खतरा थोड़ा कम हो जाता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि आप कोरोना से बिल्कुल सुरक्षित हैं। इसके साथ ही अगर बच्चों में कोरोना के खतरे की बात करें तो 5 साल से कम उम्र के बच्चों में इसका ज्यादा असर देखा गया है। बता दें कि अभी देश में बच्चों को कोरोना वैक्सीन नहीं लग रही है, ऐसे में बच्चों को अधिक सक्रिय रहने की जरूरत है।