बॉलीवुड एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया को लगता है कि फिल्म इंडस्ट्री एक आसान लक्ष्य है। तमन्ना कहती हैं कि मुझे लगता है, इंडस्ट्री अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। किसी भी चीज के लिए फिल्म उद्योग को दोषी ठहराना गलत और अनुचित है।
क्योंकि हम हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, तो इसके बारे में बात करना आसान हो जाता है। हर जगह अच्छे और बुरे लोग होते हैं। तमन्ना ने चांद सा रोशन चेहरा (2005), हिम्मतवाला (2013), मनोरंजन (2014) जैसी हिंदी फिल्में की हैं और बोले चूड़ियां में नवाजुद्दीन सिद्दीकी के साथ नजर आएंगी।
तमन्ना से पूछने पर कि क्या उन्हें बाहरी व्यक्ति के रूप में किसी पक्षपात का सामना करना पड़ा है, क्योंकि उन्होंने पहले बॉलीवुड में पर्याप्त काम नहीं मिलने की बात कही थी, जबकि साउथ फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें कई बढ़िया ऑफर दिए थे। उन्होंने इस पर कहा, "हां, मैं इंडस्ट्री से नहीं हूं, मेरे पास कोई गॉडफादर या संरक्षक नहीं है। मैंने सब कुछ अपने दम पर किया है। मुझे दर्शकों से जिस तरह के अवसर, प्यार और प्रशंसा मिली है, उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं। यह ऐसी चीज थी जिसकी मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी।
इसलिए यदि आप समर्पित, मेहनती और प्रतिभाशाली हैं, तो आप पसंद किए जाएंगे। अच्छा प्रयास मायने रखता है।" भाटिया ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी इस बात पर विचार नहीं किया कि उन्हें अवसरों से वंचित किया गया है या फिर कम या अधिक अवसर दिए गए है। कास्टिंग काउच और ड्रग विवादों पर प्रतिक्रिया देते हुए, तमन्ना कहती हैं कि जैसा पहले कहा मैंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री एक आसान लक्ष्य है...काम के सभी क्षेत्रों में समस्याएं हैं। वास्तव में मुझे लगता है कि अभिनेता/अभिनेत्री अधिक जिम्मेदार और जागरूक हैं, क्योंकि वे हमेशा लोगों की नज़रों में रहते हैं। इसलिए सेलिब्रिटीज ज्यादा सावधान रहते हैं…।