वापस आ रहे हमीरपुर से एडीजी प्रेम प्रकाश ने बकेवर थाने का गुरुवार की रात औचक निरीक्षण किया और थाना प्रभारी व चौकी इंचार्ज पर लगे आरोप युवक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म की जानकारी ली। हालांकि इस दौरान प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार गौतम मौजूद नहीं थे।
मालूम हो कि थाना बकेवर इंस्पेक्टर अरविंद कुमार गौतम व देवमई चौकी इंचार्ज रजनीश तिवारी द्वारा इंस्पेक्टर आवास में औसेरीखेड़ा निवासी रामनरेश के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगाया गया था। जिसे विभिन्न समाचार पत्रों ने प्रकाशित किया है। हालांकि विभागीय अधिकारी इसे पेस बंदी बता रहे हैं। सवाल यह उठता है कि रात 10:00 बजे एक अभियुक्त को अपने आवास में बुलाकर फिर उसे क्यों छोड़ दिया गया। इसमें दो ही बातें हो सकती हैं या तो वास्तव में उसके साथ दुष्कर्म किया गया अथवा लेनदेन करके उसे रिहा कर दिया गया। जबकि इंस्पेक्टर का यह कहना है कि उसके ऊपर न्यायालय के आदेश पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया है। तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया ? अब उसे पुलिस पेस बंदी कहकर के मामले को झुठलाने का प्रयास कर रही है।
समाचार पत्रों में प्रकाशित दुष्कर्म की खबरों को लेकर उप पुलिस अधीक्षक योगेंद्र सिंह मलिक ने भी आकर थाने के पुलिसकर्मियों से जानकारी ली। जबकि पुलिस क्षेत्राधिकारी ने कल अपने एक बयान में कहा था कि उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं है जानकारी होने पर जांच कराई जाएगी। अब देखना यह है कि पुलिस अधीक्षक मामले की जांच कब कराएंगे और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जाएगी। इसे आम लोगों में जानने की जिज्ञासा है। बकेवर पुलिस ने यह बताया कि न्यायालय के आदेश पर एक महिला के साथ छेड़छाड़ किए जाने का औसेरीखेड़ा के रामनरेश सहित पांच लोग आरोपी थे।
महिला के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जुलाई 2019 की शाम धान लगाने के बाद शौच क्रिया के लिए गांव के बम्बा के पास जंगल में गई थी तभी रामनरेश व देवमई के राम सजीवन व उसका भाई रावेंद्र पुत्र चैतू ने साथ मिलकर उसके साथ कुकर्म किया। अब सवाल यह उठता है कि जब न्यायालय के आदेश पर थाना बकेवर में मुकदमा पंजीकृत था तो पुलिस ने उसे अपने निजी कमरे में बुलाकर कौन सी डील की ।
पुलिस के दुष्कर्म का कथित भुक्तभोगी रामनरेश ने बताया कि पुलिस उसका एनकाउंटर करने की धमकी दे रही है उसने यह भी कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिलता तो दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही नहीं की जाती तो वह मुख्यमंत्री आवास में जाकर आत्मदाह कर लेगा।